रोको ना मुझे उड़ जाने दो ,
सुर-संगम में घुल जाने दो!
जग-जीवन के बंधन तोड़
पर मुझे यहाँ फैलाना हैं ,
बंधना नहीं है किसी धागे से ,
खुल के आज लहराना है !
रोको ना मुझे उड़ जाने दो...
इसे ना रोकना ना टोकना
सुर-संगम में घुल जाने दो!
जग-जीवन के बंधन तोड़
पर मुझे यहाँ फैलाना हैं ,
बंधना नहीं है किसी धागे से ,
खुल के आज लहराना है !
रोको ना मुझे उड़ जाने दो...
इसे ना रोकना ना टोकना
वापिस पीछे ना बुलाना ,
हंस कर है गुज़र जाना,
जाने दो मुझे है जाना ...
था कल का इरादा मेरा,
छुटा सा कोई वादा मेरा,
उसको अब गुनगुनाने दो...
रोको ना मुझे उड़ जाने दो ,
सुर-संगम में घुल जाने दो!
जाने दो मुझे है जाना ...
था कल का इरादा मेरा,
छुटा सा कोई वादा मेरा,
उसको अब गुनगुनाने दो...
रोको ना मुझे उड़ जाने दो ,
सुर-संगम में घुल जाने दो!
awesome !!!
ReplyDeleteamazing how today's young-ppl can still compose such meaningful poems !!! B-)
Hello. Your Blog look like be cool, but unfortunately, i can't urderstand your texts. I'm following you :D
ReplyDeletehttp://tequilandoando.blogspot.com
Thx:) y cudn understand? u dunno hindi or my lack of writing skills? well if u geting translation prob den i'll sort it soon.
ReplyDeletenice poem.. good :)
ReplyDeletethx awadhesh:)
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