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Saturday, August 18, 2012

जो बीत गया वो कल था,
बड़ा बेसुरा पल था!
कुछ साज़ तुम्हारे बिगड़े थे,
कुछ साज़ हमारे बिगड़े थे
अब छोड़ो क्या तकरार करें,
खताएं भी क्या याद रखें!
रुख़ पलटे तो सज़ा मिलेगी,
"हज़म" किया तो दुआ मिलेगी!

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